शनिवार, 17 अगस्त 2019

हिन्दी के श्रेष्ठ हाइकु - जुलाई २०१९

हिन्दी के श्रेष्ठ हाइकु -जुलाई २०१९ 
  
प्रेम तपस्या
जीवन तपोवन
मन साधक
        -सुरंगमाँ यादव
ढलती उम्र
यादों की लाठी थाम
चलता वक्त
      -शिव डोयले
मेघों की डोली
आई वर्षा दुल्हन
हवा कहार
     --राजीव गोयल
नन्ही सी बूंद
मेघ की दहलीज़
छोड़ के चली
        -सुरंगमा यादव
छोड़ पीहर
जब बारिश चली
रोई बदली
      -राजीव गोयल
बूढ़े माँ बाप
बासी अखबार
कोने में पड़े
     -राजीव गोयल
आषाढ़ मेघ
जल कलश लिए
पावस पर्व
       -नरेन्द्र श्रीवास्तव
घास पे पड़ी
मोतियों की चादरें
बूंदों की लड़ी
          -प्रियंका
चिड़िया उडी
हज़ार बार देखा
पीछे न मुड़ी
       -निगम राज़
खुश थे बड़े
सपनों में थे खोए
जागे तो रोए
      -सुरंगमा यादव
जा बसे दूर
छोड़  गए आँखों में 
यादें पुरानी
     -शिव डोयले
वंशी की तान
तुमसे मिलकर
छेड़ते प्राण
     -सुरंगमा यादव
सूरज उगा
कर सूर्य नमन
दीपक बुझा
       -राजीव गोयल
नियत सच्ची
मेहनत की रोटी
लगती अच्छी
        -बलजीत सिंह
बारिश आई
ठहरा हुआ पानी
ले अंगडाई
       -बलजीत सिंह
मस्त हवाएं
सागर की लहरें
तुम्हें बुलाएं
      -निगम राज़
गा रहा बांस
मिल हवा के संग     
सुरीला गान
       -राजीव गोयल
प्रत्येक पौधा
पर्यावरण हेतु
बना है योद्धा
      -बलजीत सिंह
बरसे मेघ
तृप्त हो रहीं जड़ें
झूमते पेड़
         -सुरंगमा यादव
अन्धेरा घर
जलता विदेश में
कुल दीपक
         -राजीव गोयल
कभी कभी तो
आईना देखा करो
दिखाने वालो
       -सुरंगमा यादव
अन्धेरा रोकें
बन प्रहरी खड़े
द्वार पर  दिये
        -राजीव गोयल
 दरक गया
यथार्थ के घूंसे से     
भ्रम का कांच
        -अभिशेख जैन
मेरे काव्य में
नाचते मंद मंद
शब्दों के छंद
          -निगम राज़
थका  सूरज
पहार से लुढ़क
नदी में डूबा
        -राजीव गोयल
यादें थीं सोयी
सावनी फुहारों ने
आ के जगाया
        -सुरंगमा यादव
भूखे घरों में
वादों की हांडी चढी
ताकते चूहे
        -रमेश कुमार सोनी
आसमान में
घटाओं का पहरा
सूर्य सहमा
        -सुरंगमा यादव
मेघ गर्जन
चपला की चमक
डरता मन
        -शिव डोयले 
बड़े विचित्र
मन-केनवास पे
यादों के चित्र 
         -सुरंगमा यादव

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