मंगलवार, 28 जनवरी 2020

श्रेष्ठ हिंदी हाइकु - दिसंबर, २०१९

  श्रेष्ठ हिंदी  हाइकु दिसंबर २०१९

प्रत्येक  पौधा
पर्यावरण हेतु
 बना है योद्धा
       बलजीत सिंह
युग बदला
देह मात्र ही रही
आज भी नारी
      -सुरंगमा यादव
जागा संसार
गंध बाँट सो गया
हरसिंगार
      -शिव जी श्रीवास्तव
उम्र पोनी  से
बुने मृत्यु चादर
काल पुरुष
      -शिव जी  श्रीवास्तव
नियत अच्छी
मेहनत की रोटी
लगती अच्छी
      -बलजीत सिंह
मीठे कड़वे
सुर में है बजती
मन की वीणा
      -प्रियंका ...अद्वैता
नभ ने खोला
अपना वातायन
झांका सूरज
       -सुरंगमा यादव्
छलक उठे
देख जलती धरा
मेघों के नयन
   -राजीव गोयल
विकास रथ
वन्य जीवन पथ
रौंद के चला
   -सुरंगमा यादव
शीत की धूप
मुंडेर से उतरी
झाँक के भागी
      -सुरंगमा यादव
बढ़े जो पैसे
घटता चला गया
जीवन मूल्य
      -अभिषेक जैन 
मौसम टाँके
हवा के आँचल पे
शीत के बूटे
      -आभा खरे
सर्द हवाएं
मंजीरा बनकर
दांत बजाएं
      -सुरंगमा यादव
फूले किवाड़े
गरमी का ताव देख
एंठना भूले
       -सुरंगमा यादव
ऊंची कुर्सियां
सुनने लगी ऊंचा
 मची तबाही
      -सुरंगमा यादव
सर्दी डायन
निकली है  रात में
ढूँढे  शिकार
       -राजीव गोयल
दीपक -बाती
प्रकाश गीत गाते
जब मिलते
        -सुरंगमा यादव
सर्दी की शाम
मफलर घूमते
गप्पें हाँकते
      -रमेश सोनी
 अलाव तापे
पूस रातों की यादें
कहानी किस्से
      -रमेश कुमार सोनी
प्यार है तो
कभी तुम आओ  न
मेरे दिल में
      -निगम राज
सर्दी की धूप
मुख्य अतिथि जैसे
थोड़ा ठहरे
      -सुरंगमा यादव
जग जीवन
हम सब कृषक
बोते-काटते
     -सुरंगमा यादव
लगाने न दे
गरीबों को सरदी
भूख की आग
       -राजीव गोयल
घोसले में भी
असुरक्खित  चिडी
कैसा समय
      -सुरंगमा यादव
ठिठुरा दिन
पाला ग्रसित रात
झुलसे पात
        -सुरंगमा यादव
 ताके आकाश
कितना वैभव है
धरा के पास
       -सुरंगमा यादव
रंगीन यादें
बचपन की मेरी
कंचों में कैद
      -राजीव गोयल
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