श्रेष्ठ हिन्दी हाइकु (जून माह, २०१९)
ग्रीष्म आतंक
सूखा नल का कंठ
व्याकुल प्यास
-सुरंगमा यादव
छाया उल्लास
भोर का आगमन
सुमन हास
-सुरंगमा यादव
नयन घन
नव पौध उगाने
आतुर मन
-पुष्पा सिन्धी
माँ मिल गई
हुई ममतामयी
ज़िंदगी नई
-निगम 'राज़'
झूठ के पैर
घुटने टिका कर
चलता सच
-सुरंगमा यादव
धरा वक्ष पे
चितकबरी धूप
चित्र उकेरे
-राजीव गोयल
एक तितली
हमलावर दौर
सहमे पंख
-सुशील शर्मा
थका नहीं है
दे अब ही आसरा
बूढा पीपल
-(पिता) राजीव गोयल
कर दी नई
पुराने कागज़ों ने
यादें तुम्हारी
-राजीव गोयल
जर्जर घर
नया रंग रोशन
यादें पुरानी
-पुष्पा सिन्धी
नन्हीं दुनिया
पिता है आसमान
वसुधा सी माँ
-सुशील शर्मा
पढ़ा न लिखा
ज्ञानी सी सीख देता
कबीर दिखा
-शिव डोयले
वक्त घूमता
कल, आज से कल
ज़िंदगी खेल
-रेश कुमार सोनी
याद ढूँढ़ती
तारों के देश तुझे
कब आओगे
-रमेश कुमार सोनी
पाखी का घर
चार दिन बसेरा
यादें रहतीं
-रमेश कुमार सोनी
हार रंगों का
बाँध रही किरणें
मेघा के द्वार
-राजिव गोयल
योग दिवस
अखबारी सुर्खियाँ
कल रद्दी में
-पुष्पा सिन्धी
स्वप्नों में खोई
रजनी अलसाई
प्रिया न सोई
सुरंगमा यादव
मेघ आ जा रे
आई मिलन ऋतु
धरा पुकारे
-सुरंगमा यादव
नयन घन
नव पौध उगाने
आतुर मन
-पुष्पा सिन्धी
माँ मिल गई
हुई ममतामयी
ज़िंदगी नई
-निगम 'राज़'
झूठ के पैर
घुटने टिका कर
चलता सच
-सुरंगमा यादव
धरा वक्ष पे
चितकबरी धूप
चित्र उकेरे
-राजीव गोयल
एक तितली
हमलावर दौर
सहमे पंख
-सुशील शर्मा
थका नहीं है
दे अब ही आसरा
बूढा पीपल
-(पिता) राजीव गोयल
कर दी नई
पुराने कागज़ों ने
यादें तुम्हारी
-राजीव गोयल
जर्जर घर
नया रंग रोशन
यादें पुरानी
-पुष्पा सिन्धी
नन्हीं दुनिया
पिता है आसमान
वसुधा सी माँ
-सुशील शर्मा
पढ़ा न लिखा
ज्ञानी सी सीख देता
कबीर दिखा
-शिव डोयले
वक्त घूमता
कल, आज से कल
ज़िंदगी खेल
-रेश कुमार सोनी
याद ढूँढ़ती
तारों के देश तुझे
कब आओगे
-रमेश कुमार सोनी
पाखी का घर
चार दिन बसेरा
यादें रहतीं
-रमेश कुमार सोनी
हार रंगों का
बाँध रही किरणें
मेघा के द्वार
-राजिव गोयल
योग दिवस
अखबारी सुर्खियाँ
कल रद्दी में
-पुष्पा सिन्धी
स्वप्नों में खोई
रजनी अलसाई
प्रिया न सोई
सुरंगमा यादव
मेघ आ जा रे
आई मिलन ऋतु
धरा पुकारे
-सुरंगमा यादव